#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड--16
#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड--16 "नीति निर्धारण में जनभागीदारी की उपेक्षा" "विकास" केवल आर्थिक वृद्धि हीं नहीं, आर्थिक वृद्धि और विकास में बहुत फर्क होता है, विकास एक "उद्देश्य" है और आर्थिक वृद्धि केवल माध्यम। विकास का मतलब यह है कि जीवन की गुणवत्ता बढ़ रही है व आम लोगों के जीवन में सुधार लाया जा रहा है। विकास का दूसरा नाम है ~ #आजादी, भूख से आजादी, बीमारी और गरीबी से आजादी,शोषण से आजादी, असमानता से आजादी, अंधविस्वास से आजादी , हिंसा से आजादी व शिक्षा की आजादी..। अजीब बात यह है कि स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक सुरक्षा जीवन की गुणवत्ता व आर्थिक विकास का आधार होने के बावजूद लोकतंत्र में इन मामलों की बात नहीं होती। पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने सामाजिक निति में कोई रुचि नहीं ली, चिकित्साशिक्षा व अभियंत्रण शिक्षा के लिए ऊपरी आयुसीमा निर्धारित कर चिकित्सा शिक्षा जगत के माफियाओं को फायदा पहुंचाया गया, न्याय की आशा से सभी पीड़ित अभ्यार्थी सर्वोच्च न्यायालय की शरण मे हैं, 2011 में नौकरशाही मनमानी कर UPSC में CSAT लागू होने से हिंदीभा...