#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड_52
हमारी कविता संग्रह जिंदगी बस वो जिंदगी है.! ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! न उमंग है, न तरंग है न खुशी है, न शुकुन है, जिंदगी बस वो जिंदगी है जहाँ अपने हों, अपनापन हो… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! हर तरफ बेबसी, हर तरफ घुटन हर तरफ चीख, हर तरफ जख्म, जिंदगी बस वो जिंदगी है जहाँ अमन हो, शांति हो… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी हो.! जहाँ बस यादें हों, बस सपने हों जब चाहूँ मिलना, रहें अंधेरी हों, जिंदगी बस वो जिंदगी है जब भी सोचूँ मिलना, वो सामने हो… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! जहाँ तृष्णा हों, जहाँ तड़पन हों जहाँ दूरी हो, जहाँ मजबूरी हो, जिंदगी बस वो जिंदगी है मेरे जख्मों पर उनका मरहम हो… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! जहाँ आप हों पर मुलाकात न हों जहाँ साथ हों पर बात न हों, जिंदगी बस वो जिंदगी है जब बोलूं कुछ न, सुन ले सबकुछ… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! जहाँ मिलने को जी चाहे पर कदम न बढ़े बातें बहुत हों पर सामने मुँह न खुले, जिंदगी बस वो जिंदगी है मैं दर्द में रहूँ तो दुःखी आप हों… ये जिंदगी भी कोई जिंदगी है.! जहाँ व्यथा न अपनी बोल सकूँ जहाँ मन क...