#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड--08

#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष

#एपिसोड-08


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मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो
कठिन सही तेरी मन्जिल मगर उदास न हो

हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर
हर एक तलाश मुरादों के रंग लाती है
हजारों चाँद सितारों का खून होता है
तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र...

जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते
वो जिंदगी में नया रंग ला नहीं सकते
जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं
वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र...

....साहिर लुधियानवी

#यदि आप....

★यदि आप अपने मन मस्तिष्क पर उस समय भी नियंत्रण रख सको जब आपके चारों ओर सब लोग अपने मन मस्तिष्क का संतुलन खो चुके हो और सारा दोष आपके मत्थे मढ़ रहे हो

★यदि आप स्वयं पर विश्वास रख सको जब सब लोग आप पर संदेह कर रहे हों किंतु उनके संदेह के लिए भी आप में गुंजाइश देने की उदारता हो

★यदि आप प्रतीक्षा कर सको और प्रतीक्षा करते थको नहीं अथवा लोगों द्वारा मिथ्या आरोपों के शिकार होने पर भी स्वयं मिथ्या का सहारा ना लो अथवा लोगों से घृणा पाकर भी आप घृणा का सहारा ना लो और फिर भी आवश्यकता से अधिक भला दिखने का प्रयत्न न करो

★यदि आप स्वप्न दृष्टा बन सको किंतु सपने तुम पर हावी ना हो सके, यदि आप विचार कर सको किंतु विचार ही आपका लक्ष्य ना बन जाए

★यदि आप महान विजय और महाविनाश दोनों से साक्षात्कार कर सको और इन दोनों ही प्रवंचकों को समान समझ सको अथवा सम्राटों के सहचर होकर भी जनसाधारण का साथ ना छोड़ो

★यदि आप उसको सुनकर सहन कर सको जिसे धूर्त लोग मूर्खों को जाल में फंसाने के लिए विकृत रूप में प्रस्तुत करते हो

★यदि आप उन सारी चीजों को टूटता और गिरता हुआ देख सको जिसमें आपने जीवन लगा दिया और फिर उन चीजों का अपने साधनों से पुनर्निर्माण सको

★यदि आप ऐसी सारी उपलब्धियों को एक बार भी दांव पर लगा सको उनसे हाथ धो बैठो और फिर उनके लिए नए सिरे से प्रयत्न कर  सको और अपनी क्षति पर एक शब्द भी ना कहो

★यदि आप अपने और स्नायु तंत्र की समस्त ऊर्जा को अवसर आने पर पुनः सक्रिय होने के लिए बाध्य कर सको जबकि वह कब कि जवाब दे चुकी हो और कर्म मार्ग पर डटे रहो जब कि आपके अंदर उस उस इच्छाशक्ति के अतिरिक्त कुछ भी शेष ना रहा हो जो उनकी शक्तियों से करती हो हैं डटे रहो 

★यदि शत्रु और मित्र दोनों में से कोई भी आपको विचलित ना कर सके व यदि आपके लिए सब लोग महत्वपूर्ण हो किंतु कोई एक व्यक्ति अतिशय महत्वपूर्ण न हो 

★यदि आप अपनी सजगता से अगर निष्ठुर अमूल्य क्षण का उपयोग कर सको तो 

★यह सारी वसुधा और इस वसुधा में जो कुछ है आपका होगा जो इससे भी बड़ी बात होगी मेरे सखा / प्रियजन आप एक मनुष्य बन जाओगे

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