#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड_30
वास्तविक तिथि ➡️21.01.2020 # अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड_30 #खतों_का_सिलसिला... से अमृता का एक खत इमरोज़ के नाम... प्यार के उन पथिकों के लिए..... जिन्होंने राह के काँटे नहीं गिने..... मंज़िल की परवाह नहीं की..... किया तो सिर्फ प्यार......जिया तो सिर्फ प्यार...... अमृता प्रीतम की लेखनी उनका अपना जिया हुआ संसार था, उनका अपना अनुभव था. ऐसा अनुभव जिसकी साहिर ने नींव रखी थी और जिसे इमरोज ने अपने प्रेम से जीवन भर सींचा था. मैं तुम्हें फिर मिलूंगी कहां? किस तरह? नहीं जानती अमृता प्रीतम की कविता की ये दो पंक्तियां उनके पूरे जीवन की कहानी को बयां करती है. 100 बरस के बाद एक साहित्यकार,लेखक, कवि को किस रूप में याद किया जा सकता है? अगर 100 साल बाद भी किसी साहित्यकार को याद किया जा रहा है तो उसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं? अमृता प्रीतम को बतौर लेखक, कहानीकार, कवयित्री याद किया जा सकता है. लेकिन इससे इतर भी उनका जीवन विशाल अनुभव और कहानियां समेटे हुए हैं. सादगी भरा जीवन, अल्हड़पन, प्रेम के लिए तड़प, जिद्दीपन और कविताओं के ज़रिए इश्क को न...