#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष #एपिसोड_49

हमारी कविता संग्रह - 01

अनकही अनसुनी बातें 

वो बातें जो अनकही थी, कही हमने

और जो बातें अनसुनी थी, सुनी तुमने


कौन किसी के दर्द का हम-दर्द है यहाँ

कौन किसकी सुनता है, मेरी सुनी तुमने


दर्द, बेचैनी, घुटन सब जाते रहे दिल से

ऐसा लगा दिल को की कुछ कहा तुमने


दोस्त दुश्मन अपने सभी खपा हैं हमसे

हाथों को जबसे मेरे दिल पे रखा तुमने


ये फूल, कलियां, भँवरे रूठे गए हैं हमसे

अपने होंठों पे मेरा नाम लिया जब तुमने

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