हमारी कविता संग्रह : आपकी दीद, मेरी ईद ; ईद मुबारक
मेरी कविता संग्रह ;
#अभ्युदय_से_चर्मोत्कर्ष ; #एपिसोड_62
“आपकी दीद, मेरी ईद”
जबजब आपकी दीद होती है, तबतब मेरी ईद होती है
आपको पता है.!! दिन में छप्पन बार मेरी ईद होती है
यूँ तो एक पल के लिए भी दूर नहीं हुआ आपसे
लेकिन ब्रह्मानन्द होती है जब आपकी दीद होती है
आपको पता है.!! दिन में छप्पन बार मेरी ईद होती है
लोग चाँद की उपमा देते हैं, चँदा कहते हैं प्रेयसी को
मुझे चाँद भी फीका लगता है, जब आपकी दीद होती है
आपको पता है.!! दिन में छप्पन बार मेरी ईद होती है
लोग सब्र करते हैं औ रोजा रखते हैं, चाँद देखने के लिए
हमारी तो तब ही ईद होती है, जब आपकी दीद होती है
आपको पता है.!! दिन में छप्पन बार मेरी ईद होती है
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