हिंदुत्व’ और ‘हिन्दू धर्म’

‘हिंदुत्व’ और ‘हिन्दू धर्म’ 
एपिसोड:-65


हिंदुत्व एक ऐसा शब्द है, जो संपूर्ण मानवजाति के लिए आज भी असामान्य स्फूर्ति तथा चैतन्य का स्रोत बना हुआ है।  



‘हिंदुत्व’ कोई सामान्य शब्द नहीं है। यह एक परंपरा है। एक इतिहास है। यह इतिहास केवल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक इतिहास नहीं है। अनेक बार ‘हिंदुत्व’ शब्द को उसी के समान किसी अन्य शब्द के समतुल्य मानकर बड़ी भूल की जाती है। वैसा यह इतिहास नहीं है। वह एक सर्वसंग्रही इतिहास है।

‘हिंदू धर्म’ यह शब्द ‘हिंदुत्व’ से ही उपजा उसी का एक रूप है, उसी का एक अंश है…। 

यहां इतना बताना ही पर्याप्त होगा कि ‘हिंदू धर्म’ से समान्यतः जो बोध होता है, वह ‘हिंदुत्व’ के अर्थ से भिन्न है। किसी अध्यात्मिक अथवा भक्ति संप्रदाय के मतों के अनुसार निर्मित अथवा सीमित आचार-विचार विषयक नीति-नियमों के शास्त्र को ही ‘हिंदू धर्म’ कहा जाता है। ‘धर्म’ शब्द का अर्थ भी यही होता है।

हिंदुत्व’ शब्द में एक राष्ट्र तथा हिंदू जाति के अस्तित्व का तथा पराक्रम के सम्मिलित होने का बोध होता है। इस शब्द ने लाखों लोगों के मानस को किस प्रकार प्रभावित किया है तथा समाज के उत्तमोत्तम पुरुषों में, शूर तथा साहसी वीरों ने इसी नाम के लिए अपने भक्तिपूर्ण निष्ठा क्यों अर्पित की, इसका रहस्य ज्ञात करना भी आवश्यक है।

हिंदुत्व, विनायक दामोदर सावरकर

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